स्वामी विवेकानंद – Biography , Teachings & Influence
स्वामी विवेकानंद – Biography , Teachings & Influence
स्वामी विवेकानंद – Biography , Teachings & Influence
स्वामी विवेकानंद : भारत में जन्मे एक मठवासी संत , एक युवा सन्यासी के रूप में भारतीय संस्कृति की सुगंध विदेशों में बिखरने वाले ऐसे महापुरुष थे , स्वामी विवेकानंद। “उठो जागो और अपने लक्ष्य की प्राप्ति से पूर्व मत रुको” उनका ये क्रांति वाक्य आज भी युवा जन को प्रेरित करता है। संपूर्ण विश्व में हिंदू धर्म का महत्व बताने में उनका योगदान बहुत बड़ा रहा है। एक ऐसे इंसान थे जिनको पूरी दुनिया फॉलो करती थी। बहुत बड़े इंसानों ने भी स्वामी विवेकानंद से इंस्पिरेशन ली है।यह पहले इंसान थे जिन्होंने हमारे वेदों की ताकत और उपनिषदों की ताकत को पूरी दुनिया में फैला दिया। पूरी दुनिया में हिंदुत्व का परचम लहराने वाले स्वामी विवेकानंद पहले इंसान थे।इस आर्टिकल में हम उनके जन्म , युवा अवस्था , उनका तेज दिमाग , और कई अनजानी बाते जानने वाले हैं। आइए जानते हैं , भारतीय संस्कृति को विश्व स्तर तक पहचान दिलाने वाले महापुरुष स्वामी विवेकानंद के बारे में।
Success Story in Hindi of Sundar Pichai, Steve Jobs, Jeff Bezos
Success Story in Hindi of Sundar Pichai, Ratan Tata, Jeff Bezos
Hello! दोस्तों आप सभी का Inkhindi.com पर स्वागत हैं। सफलता पाना हर व्यक्ति की प्राथमिक इच्छा होती हैं, हर कोई चाहता है कि वो भी एक सफल व्यक्ति बन सकें। लेकीन सफलता हासिल करना इतना आसान काम नहीं है, सफल बनने के लिए हमें , सफल व्यक्ति के जीवन चरित्र पढ़ने चाहिए। जब किसी महान व्यक्ति की सफल कहानी पढ़ते हैं तो हमें उससे प्रेरणा मिलती हैं एवं राह मिलती हैं। आज में आपको Real Success Story in Hindi में बताने वाला हु।आशा करता हु की आप भी अपने जीवन में बड़े से बड़ा काम कर अपनी खुद की एक Success Story बनाए।
Sundar Pichai Success Story in Hindi
हर भारतीय की गर्व की बात है कि गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई हमारे भारतीय हैं। सुंदर पिचाई केवल गूगल का ही नहीं परंतु गूगल की पैरंट कंपनी अल्फाबेट का अभी सीईओ है। आज के हिसा टिकल में हम बहुत ही टैलेंटेड और इंटेलिजेंट पर्सनालिटी के बारे में जानेंगे। आज हम सुंदर पिचाई की लाइफ को करीब से देखेंगे। पिचाई सुंदरराजन का जन्म 1972 मैं तमिलनाडु के एक शहर मदुरई में एक मिडल क्लास फैमिली में हुआ था। इनके पिता रघुनाथ पिचाई जी.इ.सी नाम की कंपनी में इलेक्टिकल इंजीनियर थे।
इनकी माता मिस.लक्ष्मी इनके जन्म से पहले एक स्टेनोग्राफर का काम करती थी। एक आम मिडल क्लास फेमिली की तरह उस समय इनकी फॅमिली भी एक दो रूम के अपार्टमेंट में रहा करती थी। और उस समय इनकी फाइनेंसियल सिचुएशन का आप इस बात से अंदाज़ा लगा सकते हैं की , इनके पिता को अपने लिए एक स्कूटर खरीदने में ३ साल तक सेविंग्स और वेइट करना पड़ा था। जब वो १४ साल के थे तब जाकर उनके घर लेनलाइन टेलीफ़ोन आया था। सुन्दर पिचाई शुरुआत से ही काफी होनहार और इंटेलिजेंट थे।
इन्होंने 1993 में आई.आई.टी खड़कपुर से अपनी मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी। इंजीनियरिंग कंप्लीट करने के बाद इन्होंने स्टैंडफॉड से शिष्यवृत्ती हासिल की और मटीरियल साइंस एंड सेमीकंडक्टर फिजिक्स में एम.एस करने के लिए यूएस चले गए। तभी सुंदर पिचाई की फ्लाइट का खर्च उसके पिता की 1 साल की सैलरी के बराबर था। कुछ समय का प्लान यह था कि वह एम.एस पूरा करते ही फिर पी.एच.डी की पढ़ाई शुरू कर देंगे।
नमस्कार दोस्तों! आप सभी का Inkhindi पर तहे दिल से स्वागत है। आप सभी लोग इस कोरोना की महामारी में कुशल होंगे यह आशा करता हु। आज हम How to hide mutual friends on Facebook जैसे टॉपिक पर बात करने वाले हैं।
Facebook सबसे पहेली सोसियल मीडिया सर्विस हैं लगभग सभी लोग इस बात से वाकिफ हैं। Facebook एक जानामाना सोशल मीडिया एप्लीकेशन है जहा पर लोग अपने फोटो, वीडियो, न्यूज़ आदि मीडिया अपने दोस्तों को सेर करते हैं ।लोग दुनिया के अलग अलग शहर के दोस्त facebook के माध्यम से बनाते हैं। Facebook एक ऐसा माध्यम हैं जहा से लोग पूरी दुनिया से जुड़ सकते है। फेसबुक का नया फीचर हैं Marketplace ,इसकी मदद से आप अपना बिज़नेस ऑनलाइन स्टार्ट कर सकते हैं ।आप Facebook पर फेसबुक पेज और फेसबुक ग्रुप भी बना सकते हैं जिसके द्वारा आप अपने बिज़नेस को अच्छी तरह से Advertise कर सकते है।
Facebook सबसे पहेली सोसियल मीडिया सर्विस हैं लगभग सभी लोग इस बात से वाकिफ हैं। Facebook एक जानामाना सोशल मीडिया एप्लीकेशन है जहा पर लोग अपने फोटो, वीडियो, न्यूज़ आदि मीडिया अपने दोस्तों को सेर करते हैं ।लोग दुनिया के अलग अलग शहर के दोस्त facebook के माध्यम से बनाते हैं। Facebook एक ऐसा माध्यम हैं जहा से लोग पूरी दुनिया से जुड़ सकते है। फेसबुक का नया फीचर हैं Marketplace, इसकी मदद से आप अपना बिज़नेस ऑनलाइन स्टार्ट कर सकते हैं ।आप Facebook पर फेसबुक पेज और फेसबुक ग्रुप भी बना सकते हैं जिसके द्वारा आप अपने बिज़नेस को अच्छी तरह से Advertise कर सकते है।
Complete Process of How to hide mutual Friends on Facebook
सर्व प्रथम आप को प्ले स्टोर की मदद से Facebook अपने फ़ोन में डाउनलोड कर लेना हैं ,बाद में उसे ओपन कर लीजिये। अभी आप अपने फ़ोन के बाकि के एप्लीकेशन के साथ फेसबुक को भी देख सकते हो जो ब्लू कलर का दिख रहा होगा।
अगले स्टेप में आपको ऊपर कोने में दिखने वाले तीन बटन पर क्लिक करना हैं। राइट साइड से फर्स्ट आइकॉन होगा और लेफ्ट साइड से 6 अलग अलग आइकॉन दिखेंगे।
अगले तीसरे step में आपको कई सारे ऑप्शन्स दिखेंगे जिसमे आपको “Settings & Privacy” ऑप्शन पर क्लिक करना हैं ।
गाँधीजी पर निबंध – Essay on Mahatma Gandhi in Hindi
गाँधीजी पर निबंध – Essay on Mahatma Gandhi in Hindi
गाँधीजी पर निबंध – Essay on Mahatma Gandhi in Hindi
गाँधीजी पर निबंध : भारत की पावन भूमि पर अनेक संत महात्माओं विचारकों और समाज सुधारकों ने जन्म दिया है। जिन्होंने भारत देश के मस्तक को गर्व से ऊंचा कर दिया है इनमें से एक महात्मा गांधी थे। महात्मा गांधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अपने पूरे जीवन भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में बिता दिया था। महात्मा गांधी जी को भारत में बापू या राष्ट्रपिता के स्वरूप में माना जाता है।
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है , उसका जन्म 2 अक्टूबर 1869 मैं गुजरात राज्य के काठियावाड़ जिला अंतर्गत पोरबंदर में हुआ था।बापू के बचपन का नाम मोहनदास था। राजकोट शहर में ही रहकर गांधीजी ने अपनी हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की। गांधी जी के मन पर बाल्यावस्था से ही माता के हिंदू संस्कार एवं आदर्श की छाप और पिताश्री के सिद्धांत वादी विचारों की बड़ी गहरी छाप पड चुकी थी। गांधीजी बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में अव्वल आते थे और उसका तेज अपने मुख पर साफ झलकता था।
बचपन से ही गांधीजी को अपने भारत देश के प्रति प्यार एवं सम्मान था। 13 साल की नन्ही सी उम्र में उनका विवाह कस्तूरबा गांधी से हो गया। इनके विवाह के कुछ ही दिनों में उनके पिताजी का देहांत हो गया। उनकी माता का नाम श्री पुतलीबाई और पिता का नाम श्री करमचंद गांधी था।गांधी जी एक ऐसे पुरुष थे जो अहिंसा और सामाजिक एकता पर विश्वास करते थे।
उन्होंने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के लिए प्रेरित किया और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए लोगों को प्रेरित किया।
तेनाली एक योद्धा – Tenali raman stories : बहुत समय पहले की बात हैं , एक सुप्रसिद्ध योद्धा उत्तर भारत से विजयनगर आया।वह योद्धा पराक्रमी था , उसने अपने बल और ताकत पर कई राजाओ को पराजित किया था और पुरस्कार भी जीत रखे थे। वह आज तक एक ही बार बार पराजित हुआ था। उसकी सारी जिंदगी में वो मल्ल युद्ध में कभी पराजित नहीं हुआ था। विजयनगर आया हुए योद्धा ने विजयनगर के योद्धाओ को लड़ने के लिए ललकारा। उसका शरीर कदावर , लम्बा चौडा एवं शक्तिशाली था।
इस योद्धा के मुकाबले विजयनगर का कोई भी योद्धा बराबरी न सका। अब बात बढ़ कर विजयनगर की इज़्ज़त और प्रतिष्ठा पर आ चुकी थी। यह बात को लेकर नगर के सभी लोग चिंतित थे। बाहर का आया हुआ वो एक अकेला योद्धा पूरे विजयनगर को चुनौती दे रहा था और विजयनगर की प्रजा कुछ भी नहीं कर पा रही थी।
आखिर में विजयनगर की प्रजा अपनी समस्या लेकर तेनालीराम के पास गए। सभी बात संपूर्ण धैर्य से सुनने के बाद तेनालीरामा ने कहा – ‘सचमुच, एक गंभीर समस्या है, मुख्य बात यह है की उस अनजान योद्धा को तो कोई हमारा योद्धा हरा सकता। मैं एक विदूषक हूं कोई योद्धा नहीं । इस मामले में करू तो क्या करू? ‘तेनालीराम की यह निराशा भरी बात से सभी विजयनगर की प्रजा मायूस हो गइ , क्योंकि सब की एकमात्र आशा तेनालीराम ही था। सभी प्रजाजन बड़ी निराशा के साथ वापिस लौट रहे थे तभी तेनालीराम ने रोका और कहा – ‘मैं उस शक्तिसाली योद्धा से लडूंगा और उसे हराऊंगा भी , परंतु आप सभी प्रजाजन को मुझे एक वचन देना कि ,सभी मेरी आज्ञा का पालन करेंगे ।
‘नगरवासीओ ने उसी वक्त वचन दे दिया ।वचन मिलते ही तेनालीराम बोला- ‘युद्ध के दिन आप सब लोग पदक पहना देना और उस बलवान योद्धा से मेरा परिचय अपने एक गुरु के रूप में करवाना साथ ही मुझे अपने कंधे पर बैठाकर ले जाना। विजयनगर की प्रजा ने तेनालीराम को पूरी तरह से समर्थन दिया। निश्चित किये गए युद्ध के दिन तेनालीराम ने योद्धाओं को एक नारा भी याद करने को कहा, “जो कि इस प्रकार था, ‘ममूक महाराज की जय’, ‘मीस ममूक महाराज की जय”।
‘तेनालीराम ने अपनी बात बताते हुए कहा – ‘मेरे दिए गए नारे को युद्धभूमि में ले जाते समय मुझे कंधों पर बैठाकर बोलना हैं , सभीको इस नारा जोर-जोर से बोलना है ।’ युद्ध के दिन युद्धभूमि में जोर-जोर से नारा लगाते हुए तेनालीराम को लाया गया , योद्धाओं की इतनी ऊंची आवाज सुनकर उस योद्धा को लगा की यकींनन कोई बड़ा योद्धा मुझसे युद्ध करने आ रहा हैं। नारा के शब्द एक साधारण कविता थी जो कन्नड़ भाषा में था। जिसमें ‘ममूक’ अथार्त – ‘धूल चटाना’ और ‘मीस’ शब्द का अर्थ भी एक जैसा ही था।
मुख्य बात ये हैं की वह योद्धा कन्नड़ भाषा को नहीं समझ पा रहा था। अतः मन-ही मन सोच लिया की बड़ा योद्धा आ रहा हैं। तेनालीराम उस योद्धा के करीब आया और बोला- ‘इससे पहले कि मैं तुम्हारे साथ युद्ध करूं ; तुम्हें मुझे एक प्रश्न का उत्तर देना होगा , तुम्हे मुझे हाव-भावों का अर्थ बताना होगा। वास्तव में सभी बड़े एवं महान योद्धा को इन हाव-भावों का अर्थ ज्ञात होता ही हैं। अगर तुम मेरे प्रश्न “हाव-भावों” का उत्तर देने में कामियाब होंगे तभी मैं तुम्हारे साथ युद्ध करने की चेष्ठा करूंगा। यदि तुम उत्तर देने में असफल रहे तो तुम्हें अपनी पराजय स्वीकार करनी पडेगी।’ विजयनगर के इतने महान योद्धाओं को देख, जो कि तेनालीराम को कंधों पर उठाकर लाए थे और उसे अपना गुरु बता रहे थे साथ ही जोर-जोर से नारा भी लगा रहे थे, उत्तर भारत का यह योद्धा ने सोचा कि अवश्य ही तेनालीराम कोई बहुत ही महान योद्धा है। आखिर में उस योद्धा ने तेनालीराम की बात को समर्थन दिया।
तेनाली राम की २५+ सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ | 25+ Best Tenali Raman Stories In Hindi
तेनाली राम की २५+ सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ | 25+ Best Tenali Raman Stories In Hindi
तेनाली राम की २५ सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ | 25 Best Tenali Raman Stories In Hindi
1 : एक अपराधी – Tenali Raman Stories In Hindi
एक अपराधी : एक दिन की बात हैं , राजा कृष्णदेवराय अपने दरबार में मुखातिब थे , और अपने मंत्री – महामंत्री के साथ चर्चा कर रहे थे। पंडित तेनालीराम भी भरी सभा में हाजिर थे। अचानक चरवाहा भरी सभा में उपस्थित हुआ और महाराज न्याय कीजिए , महाराज न्याय कीजिए ऐसा चिल्लाने लगा। महाराज ने उसे कहा वत्स धीरज रखो , क्या हुआ हैं हमें विस्तार से बताओ।
चरवाहा ने बात रखते हुए राजा से कहा , मेरे सामने एक लोभी आदमी बरसो से रह रहा हैं। जिसके घर की हालत खंडहर जैसी हो जाने के बावजूत वो घर की मरम्मत नहीं करवाता। कल मेरी बकरी उसके घर की दीवाल गिरने से मर गई। ये चरवाहे का एक राजा से निवेदन है की कृपया मेरी सहायता कजिए और मेरी बकरी का हर्जाना दिलवाने में मेरी मदद कीजिए। तेनाली ने सभी बात धीरज से सुनी थी बात पूरी होते ही सहजता से बोलै , महाराज दीवार गिरने के लिए केवल पडोशी ही जिन्मेदार नहीं। राजाने बड़ी ही नवीनता से पूछा तो फिर तुम्हारे नजरिए से दोषी कोन हैं ?
“तेनालीराम ने महाराज से विनंती करते हुए कहा , मुझे इस बात की गहराई को जानने के लिए थोड़ा समय दीजिए तब जाकर में असली गुनेगार को आपके सामने पस्तुत कर दूंगा”
राजा कृष्णदेवराय ने तेनाली की विंनती का मान रखते उसे हुए थोड़ा समय दिया। बात की सबिती के लिए चरवाहे के पडोशी को राज दरबार में बुलाया गया। पड़ोशी ने अपनी सफाइ देते हुए कहा , कृपानिधान में इसके लिए दोषी नहीं हु। यह दीवार मैंने किसी और मिस्त्री के हाथो बनवाई थी तो अपराधी तो वो हुआ। तेनाली ने मिस्त्री को दरबार में बुलवाया , मिस्त्री ने खुद को बचाते हुए राजा से कहा , महाराज में अपराधी नहीं हु।मेरा इस बात से कोई संबध नहीं। असली दोष तो उन मजूर लोगो का हैं जिसकी नियत में खोट थी और ज्यादा पानी के इस्तमाल से ईंट अच्छे से चिपक नहीं पाई जिसकी वजह से दीवार गिर गई। आपको अपनी वसूली के लिए मजूर को बुलाना चाहिए।
राजा के आदेश से सिपाही मजदूर को दरबार में बुला लाए। मजदूर ने स्वयं को बचाते हुए कहा , गुनेगार तो वह पानी वाला व्यक्ति हैं। जिसने अधिक मात्रा में पानी मिलाया था। पानी वाले को दरबार में पैस किया गया , वह बोला महाराज मुझे पानी बड़े बरतन दिया गया था जिसकी वजह से आवयश्कता से अधिक पानी भर गया था , और पानी की मात्रा अधिक होने पर भी ज्ञात न रहा।
मेरे हिसाब से उस व्यक्ति को दोषी ठहरना चाहिए जिसने पानी भरने के लिए मुझे बड़ा सा बरतन दिया था। तेनाली राम ने उस पानी वाले व्यक्ति को कहते हुए पूछा तुम्हे पानी का वह बड़ा सा बरतन कहा से मिला था। पानी वाले आदमी ने सहजता से कहा पानी वाला बरतन मुझे चरवाहे ने दिया था। बड़ा बरतन होने के कारण पानी की मात्रा कितनी हैं यह पता न चला। तेनालीराम ने बड़े ही ठहराव से उस चरवाहे से कहा , यह सब कुछ तुम्हारी वजह से ही हुआ हैं। तुम्हारी एक गलती ने तुम्हारी अपनी बकरी की जान ली हैं।
अंतिम इच्छा – Tenali raman stories in hindi : समय के साथ-साथ राजा कॄष्णदेव राय की माता बहुत वॄद्ध हो गई थीं। एक बार वह बहुत बीमार पड गई। उन्हें लगा कि अब वे शीघ्र ही मर जाएँगी। उन्हें आम से बहुत लगाव था, इसलिए जीवन के अन्तिम दिनों में वे आम दान करना चाहती थीं। अतः उन्होंने राजा से ब्राह्मणों को आम दान करने की इच्छा प्रकट की। वह् समझती थी कि इस प्रकार दान करने से उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होगी।
कुछ दिनों बाद राजा की माता अपनी अन्तिम इच्छा की पूर्ति किए बिना ही मॄत्यु को प्राप्त हो गईं। उनकी मॄत्यु के बाद राजा ने सभी विद्वान ब्राह्मणों को बुलाया और अपनी माँ की अन्तिम अपूर्ण इच्छा के बारे में बताया। कुछ देर तक चुप रहने के पश्चात ब्राह्मण बोले,” यह तो बहुत ही बुरा हुआ महाराज, अन्तिम इच्छा के पूरा न होने की दशा में तो उन्हें मुक्ति ही नहीं मिल सकती। वे प्रेत योनि में भटकती रहेंगी। महाराज आपको उनकी आत्मा की शान्ति का उपाय करना चाहिये।”
तब महाराज ने उनसे अपनी माता की अन्तिम इच्छा की पुर्ति का उपाय पूछा।
Truecaller – Major necessary things you have to know
Truecaller – Major necessary things you have to know
Truecaller – Major necessary things you have to know : नमस्कार दोस्तों! Inkhindi.com पर फिरसे आप सभी का स्वागत हैं। आज हम True Caller के बारे में बात करने वाले हैं। True caller के सभी उपयोगकर्ता को उसकी साधारण सी बाते जानना जरूरी हैं। जैसे की How to change name in True Caller , how to hide last seen in true caller, what is last seen in true caller , true contact – real caller id , true caller last seen means इसके जैसे बहुत सारे टॉपिक्स हैं जिसके ऊपर आज हम बात करेंगे।
True caller अभी के युग में जरूरी एवं आवश्य्क एप्लीकेशन हैं। कोई भी फ़ोन की बात कर लो आप उसमे कोई खास एप्लीकेशन हो न हो पर आपको True Caller तो जरूर मिलेगा।
True caller का इस्तमाल लोग अनजान व्यक्ति को परख ने के लिए करते हैं। जब कभी कोई अनजान नंबर से आपको फ़ोन आता हैं तो आप truecaller मे से नाम और लोकेशन जान सकते हो।
True caller के पास कई सारे लोगो का डाटा एवं माहिती अवेलेबल हैं। आपका नाम ज्यादातर जिस नाम से दुसरो के फ़ोन में सेव होगा वो नाम Truecaller दिखा देगा।
Is True caller safe?
सायद , हम चोक्कस रूप से नहीं कह सकते क्युकी इंडियन कंपनी नहीं हैं। True caller एक Sweden की कंपनी हैं।
Facebook Bio | Facebook bio status : नमस्ते दोस्तों! आप सभी का Inkhindi पर तहे दिल से स्वागत हैं। आज हम इस पोस्ट में अपने social media अकाउंट के लिए attractive Bio कैसे लिखे इसके बारे में बात करेंगे।
आज के समय में सभी का लगाव सोसियल मीडिया की और दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा हैं। इस मीडिया के आधीन रोज कई सारे एप्लीकेशन लॉन्च होते रहते हैं। आज की तारीख में 50 से ज्यादा social media platform उपलब्ध हैं। Social Media यानी की (Facebook, Instagram और twitter आदि)
आज में आप सबको दिखाने वाला हु की आप किस तरह से attractive bio लिख सकते हैं। यानी की आप Facebook Bio, Twitter Bio , Instagram Bio और सभी सोसियल मीडिया एप्लीकेशन के लिए bio यहा से लिख सकते हैं।
Know about Facebook Face recognition (FACD) Feature
Know about Facebook Face recognition (FACD) Feature
हेलो दोस्तों ! आप सबका INKHINDI पर स्वागत हैं। आज हम FACD-Face Recognition Feature के बारे में बात करने वाले हैं साथ ही फेसबुक पर Face recognition क्या हैं!! इसके बारे में जानेंगे।फेस रिकग्निशन किसी व्यक्ति की पहचान का पता लगाने या उसकी पहचान करने का तरीका है।
फेसबुक भी FACD-फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग करता हैं , अगर आप कोई ग्रुप फोटो फेसबुक पर अपलोड कर रहे हैं तो ऑटोमेटिकली उसमे आपके दोस्त वगेरा हे तो बड़े आराम से फेसबुक खुद ही उसे पहचान कर आपको suggest करता हैं की आप उसे टैग करना चाहते हो की नहीं। फेसबुक का Deep Face System ९८% एक्यूरेट के साथ काम करता हैं।
How to enable FACD Option :
अगर आपके फ़ोन में फेसबुक नहीं हैं , तो प्लेस्टोर से डाउनलोड कीजिए। फेसबुक अकाउंट क्रिएट कीजिए। राइट साइड दिखने वाली तीन लाइन्स पर क्लिक कीजिए और Settings & Privacy के ऑप्शन पर क्लिक कीजिए।
अकाउंट सेटिंग्स ओपन करने के बाद आपको थोड़ा निचे फेस रिकग्निशन ऑप्शन मिल जाएगा , उस पर क्लिक कीजिए।
शातिर व्यापारी – Tenali raman stories in hindi : एक समय की बात हैं। तेनालीराम और महाराज कृष्ण्देवराय से वर्तालाप में उलजे हुए थे , तभी राजा ने अचानक तेनालीराम से पूछा, ‘तेनाली , यह बताओ कि किस प्रकार के लोग किस प्रकार के लोग सबसे अधिक सयाने और अधिक मूर्ख होते हैं?’ हमे यह दो प्रश्नो के उत्तर किसी सबूत से साथ चाहिए। तेनालीराम ने राजा को तभी उत्तर दिया, ‘महाराज! ब्राह्मण सबसे अधिक मूर्ख और ज्यादातर व्यापारी सबसे अधिक सयाने होते हैं।’ राजा ने कहा प्रमाण क्या हैं? ‘तेनाली ने बड़े ही ठहेराव से महाराज से कहा में ये सबित कर सकता हु। राजा ने पूछा कैसे?।तेनालीराम ने दरबारी को आदेश दिया की राजगुरु को बुलवाइए।’राजगुरु कक्ष में आ गए। तेनालीराम ने कहा,‘महाराज, मैं अपनी बात की साबीती अभी इसी वक्त करूंगा परंतु शर्त यह की, आप दखल न देते हुए बस देखेंगे।
आप मुझे दखल न करने का वचन दें, बाद ही में काम शुरुआत करूँगा।’ राजा ने तेनालीराम की स्वीकारते हुए कहा , ठीक हैं। तेनालीराम ने बड़े ही आदर से राजगुरु के पास उसकी चोटी मांगते हुए कहा, ‘राजगुरु जी,महाराज को आपकी चोटी की आवश्यकता है। आपकी चोटी के बदले बड़ा अच्छा इनाम दिया जाएगा।’
राजगुरु तेनाली की यह अजीब बात से गुस्से से बोले, में अपनी पाली हुई प्यारी चोटी को ऐसे ही कैसे कटवा सकता हु? लेकिन ....
द्रोही राजगुरु – tenali raman stories in hindi : तेनालीराम के सभी काम और प्रतिभा से विजयनगर के राजगुरु परेशान थे , क्योकि राजगुरु को हर कुछ दिन तेनालीराम की वजह से जुकना पड़ता था। इसी कारण वो राजदरबार में हास्य पात्र बनता था। राजगुरु तेनालीराम के पद , पत्तिभा एवं प्रतिष्ठा से जलते थे और तेनालीराम महाराज के मुर्त्युदंड से भी कई बार अपनी सुजबुझ से बच निकला हैं। इस लिए राजगुरु ने सोचा में स्वयं ही मौका देख कर तेनाली के प्राण ले लू। अपने कुटिल मन से तेनालीराम को मारने की योजना बनाई। यात्रा का बहाना करके विजयनगर से निकल गए। एक बहरूपिए के पास मदद मांगने के हेतु से जा पहुंचे।
कुछ समय के बाद राजगुरु उस बहरूपिए के साथ रह कर भेष बदल ने में कुशल हो गए। राजगुरु जब महल वापस लौटे तभी अपनी योजना के आधीन बहरूपिए बन कर आए। उसने राजा कृष्ण्देवराय से अपना परिचय बताते हुए स्वयं को एक कलाकार बताया। महाराज ने कहा तुम्हे सबसे अच्छा क्या आता हैं , बहरूपिए ने महाराज से कहा “मुझे शेर का स्वांग बहुत अच्छी तरह से आता है परंतु उसमे खतरा हैं”। कोई घायल तो कोई जान भी गवा सकता हैं। उसी के साथ बहरूपिए ने अपनी शर्त महाराज के सामने रखते हुए कहा की , मेरा एक खून आपको माफ़ करना होगा। महाराज ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
‘’और एक शर्त महाराज , ऐसा कह कर महाराज के सामने शर्त रखी। मेरी कलाकारी एवं स्वांग के दौरान पंडित तेनालीराम भी राजदरबार में हाज़िर रहें...