तेनाली राम की २५+ सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ | 25+ Best Tenali Raman Stories In Hindi
तेनाली राम की २५+ सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ | 25+ Best Tenali Raman Stories In Hindi
तेनाली राम की २५ सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ | 25 Best Tenali Raman Stories In Hindi
1 : एक अपराधी – Tenali Raman Stories In Hindi
एक अपराधी : एक दिन की बात हैं , राजा कृष्णदेवराय अपने दरबार में मुखातिब थे , और अपने मंत्री – महामंत्री के साथ चर्चा कर रहे थे। पंडित तेनालीराम भी भरी सभा में हाजिर थे। अचानक चरवाहा भरी सभा में उपस्थित हुआ और महाराज न्याय कीजिए , महाराज न्याय कीजिए ऐसा चिल्लाने लगा। महाराज ने उसे कहा वत्स धीरज रखो , क्या हुआ हैं हमें विस्तार से बताओ।
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चरवाहा ने बात रखते हुए राजा से कहा , मेरे सामने एक लोभी आदमी बरसो से रह रहा हैं। जिसके घर की हालत खंडहर जैसी हो जाने के बावजूत वो घर की मरम्मत नहीं करवाता। कल मेरी बकरी उसके घर की दीवाल गिरने से मर गई। ये चरवाहे का एक राजा से निवेदन है की कृपया मेरी सहायता कजिए और मेरी बकरी का हर्जाना दिलवाने में मेरी मदद कीजिए। तेनाली ने सभी बात धीरज से सुनी थी बात पूरी होते ही सहजता से बोलै , महाराज दीवार गिरने के लिए केवल पडोशी ही जिन्मेदार नहीं। राजाने बड़ी ही नवीनता से पूछा तो फिर तुम्हारे नजरिए से दोषी कोन हैं ?
“तेनालीराम ने महाराज से विनंती करते हुए कहा , मुझे इस बात की गहराई को जानने के लिए थोड़ा समय दीजिए तब जाकर में असली गुनेगार को आपके सामने पस्तुत कर दूंगा”
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राजा कृष्णदेवराय ने तेनाली की विंनती का मान रखते उसे हुए थोड़ा समय दिया। बात की सबिती के लिए चरवाहे के पडोशी को राज दरबार में बुलाया गया। पड़ोशी ने अपनी सफाइ देते हुए कहा , कृपानिधान में इसके लिए दोषी नहीं हु। यह दीवार मैंने किसी और मिस्त्री के हाथो बनवाई थी तो अपराधी तो वो हुआ। तेनाली ने मिस्त्री को दरबार में बुलवाया , मिस्त्री ने खुद को बचाते हुए राजा से कहा , महाराज में अपराधी नहीं हु।मेरा इस बात से कोई संबध नहीं। असली दोष तो उन मजूर लोगो का हैं जिसकी नियत में खोट थी और ज्यादा पानी के इस्तमाल से ईंट अच्छे से चिपक नहीं पाई जिसकी वजह से दीवार गिर गई। आपको अपनी वसूली के लिए मजूर को बुलाना चाहिए।
राजा के आदेश से सिपाही मजदूर को दरबार में बुला लाए। मजदूर ने स्वयं को बचाते हुए कहा , गुनेगार तो वह पानी वाला व्यक्ति हैं। जिसने अधिक मात्रा में पानी मिलाया था। पानी वाले को दरबार में पैस किया गया , वह बोला महाराज मुझे पानी बड़े बरतन दिया गया था जिसकी वजह से आवयश्कता से अधिक पानी भर गया था , और पानी की मात्रा अधिक होने पर भी ज्ञात न रहा।
मेरे हिसाब से उस व्यक्ति को दोषी ठहरना चाहिए जिसने पानी भरने के लिए मुझे बड़ा सा बरतन दिया था। तेनाली राम ने उस पानी वाले व्यक्ति को कहते हुए पूछा तुम्हे पानी का वह बड़ा सा बरतन कहा से मिला था। पानी वाले आदमी ने सहजता से कहा पानी वाला बरतन मुझे चरवाहे ने दिया था। बड़ा बरतन होने के कारण पानी की मात्रा कितनी हैं यह पता न चला। तेनालीराम ने बड़े ही ठहराव से उस चरवाहे से कहा , यह सब कुछ तुम्हारी वजह से ही हुआ हैं। तुम्हारी एक गलती ने तुम्हारी अपनी बकरी की जान ली हैं।
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