होली पर निबंध | Holi Essay in Hindi
होली पर निबंध | Holi Essay in Hindi
होली पर निबंध | Holi Essay in Hindi : नमस्कार दोस्तों! आज हम होली त्यौहार जो की भारत का रंगो भरा और सबसे खूसूरत त्यौहार हैं। इस आर्टिकल में हम होली का महत्त्व , होली क्यों मनाते हैं , होली कैसे मानते हैं , उसकी विधि क्या हैं यह सभी बाते इस पोस्ट के जरिये जानेंगे। साथ ही प्राइमरी स्कूल के बच्चो को होली पर निबंध लिखने को भी कहा जाता हैं जो आज हम उसमे क्या क्या लिख सकते हैं और कैसे लिख सकते है वो जानेंगे।
प्रस्तावना :
भारत में होली एक ऐसा त्यौहार है , जो देश के सभी लोग इसे खुशी और आनंद के साथ मानते हैं। हमारे भारत देश में जितने भी त्यौहार है उन सभी में पीछे कोई न कोई धार्मिक और दूसरा कारण होता ही हैं। होली रंगो का त्यौहार है इस त्यौहार में सभी एक दूसरे की गलतिया भुला कर रंगो से खेलते हैं। इस अवसर के दौरान गांव में किशनो की फसल काटने योग्य हो जाती हैं।
होली का त्यौहार ऋतुराज , “वसंत ऋतु” के आगमन पर फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं। उस समय खेतो में सरसों के पिले फूल लहराते है। किशान के खेतो में रवि की फसल पूरी तरह से तैयार हो चुकी होती हैं। जिस वजह से सभी किशानो के घर में बहुत खुसिया होती हैं। होलिका दहन में उनके गेहू , एवं बालियों का प्रयोग किया जाता हैं।
होली क्यों मनाते हैं!!
भारत में सभी त्यौहार के पीछे वजूद यानि कारण होता ही हैं लोगो का पसंदी त्यौहार होली के अवसर के पीछे भी एक कथा प्रचलित हैं। प्राचीन समय की बात हैं , एक दैत्य राजा हिरण्यकश्यप आर्यवर्त में राज्य करता था। हिरण्यकश्यप राजा बहुत ही अहंकारी राजा था। इतना ही नहीं वो अपने आप को ही भगवान मानता था और सभी प्रजा को भी उसकी पूजा करने को कहता था। भगवान पर जरा भी भरोसा नही करता था। उसका एक लौता पुत्र था जिसका नाम था “प्रहलाद” , वह बचपन से ही भगवान में मानता था हुए के प्रति श्रद्धा रखता था। इसी लिए प्रहलाद के ऊपर नारदजी प्रशन्न हुए और उनको उपदेश देते हुए , “विष्णु मंत्र” का जाप करने की प्रेरणा दी। तब से प्रहलाद विष्णु की पूजा उपासना करने लगा।
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