तेनाली राम की २५ सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ | 25 Best Tenali Raman Stories In Hindi
तेनाली राम की २५ सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ | 25 Best Tenali Raman Stories In Hindi
4 : कृष्णदेवराय की उदारता – Tenali Raman Stories In Hindi
कृष्णदेवराय की उदारता : राजा कृष्णदेव राय तेनालीराम की प्रतिभा से तेनाली रामन को बहुमूल्य उपहार समय-समय पर देते रहते थे। एक बार तेनाली राम को राजा कृष्णदेव राय ने उनकी बुद्धिमत्ता से प्रभावित होकर पांच हाथी सौगात स्वरूप भेंट किए। उपहार पाकर तेनाली रामा बहुत ही सोच में पड़ गया सोचा कि राजा ने मुझे अचानक ऐसा बहुमूल्य उपहार क्यों दिया।
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तेनाली रामन कितना धनवान नहीं था कि सभी हाथियों का खर्च वह अकेले कर सके। क्योंकि हाथियों को खिलाने के लिए बहुत अनाज की आवश्यकता होती थी। तेनाली रामा सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार का ही पालन पोषण कर सके उतना ही सक्षम था। फिर भी अपने राजा का इनाम इनकार ना करते हुए , पांचों हाथियों को लेकर अपने घर पहुंचा।
साथियों के साथ तेनाली रमन को देखकर उसकी पत्नी ने तेनालीराम से शिकायत की कि हम घर के सदस्य भी ठीक से रह नहीं पाते तो आप इन हाथियों को रखने का बंदोबस्त कैसे करेंगे? हाथियों की देखभाल करने के लिए नौकर भी तो नहीं रख सकते। हम अपने भोजन की भी व्यवस्था बड़ी मुश्किल से करते हैं , हाथियों के भोजन का बंदोबस्त कैसे करेंगे? यदि हमारे राजा कृष्णदेव राय ने इन हाथियों की जगह पांच गाय भेंट में दी होती तो उसके दूध से हम अपना भरण पोषण तो कर पाते।
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तेनालीराम की पत्नी सत्य कह रही थी। तेनालीराम ने हाथियों से पीछा छुड़ाने की योजना बना ली। तेनालीराम ने अपनी पत्नी से कहा कि इन सभी साथियों को मां देवी के मंदिर में समर्पित कर आता हू। काली मां के मंदिर पहुंचकर तेनालीराम ने सभी साथियों को तिलक किया और पांचों हाथियों को नगर में घूमने के लिए छोड़ दिया। हाथियों को भोजन ना मिलने के कारण एकदम दुर्बल हो गए। यह हाथियों को देखकर विजयनगर के वासियों ने राजा को जाकर सभी बात विस्तार पूर्वक बताई।
राजा ने हाथियों की यह दुर्दशा भरी बात सुनकर तेनाली राम से बड़े ही अप्रसन्न हो गए। तुरंत ही राजा ने तेनालीराम को दरबार में बुलाया और पूछा कि तेनालीराम!! तुमने हाथियों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया? आपके दिए हुए उपहार का अस्वीकार करके आपका अपमान मैं नहीं कर सकता था। साथियों को संभालना मेरे जैसे आम आदमी का आम आदमी का काम नहीं है। पांच हाथियों के देखभाल मैं अकेला नहीं कर सकता था , किसी कारण से मैंने पांचो हाथियों को मां देवी के चरणों में समर्पित कर दिया था। अगर आप मुझे पांच हाथियों की जगह पांच गाय उपहार में देते तो वह मेरे परिवार का भरण पोषण करने में सहायता देता।
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